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[Gastroenteritis] गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण, लक्षण और उपाय !

  • Writer: acegastro seo
    acegastro seo
  • Jan 22, 2024
  • 4 min read

Causes of Gastroenteritis in Hindi: मानव शरीर में पेट को एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, क्योंकि इस पर ही पूरा स्वास्थ्य निर्भर करता है। अगर पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है तो इसका असर सेहत पर तुरंत दिखना शुरू हो जाता है। हालांकि आजकल लोगों को खान-पान की वजह से पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।


[Gastroenteritis] गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण, लक्षण और उपाय
[Gastroenteritis] गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण, लक्षण और उपाय


ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पेट से जुड़ी समस्या गैस्ट्रोएंटेराइटिस के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसके अलावा हम गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण और गैस्ट्रोएंटेराइटिस के घरेलू उपचार के बारे में भी जानकारी देंगे। लेख में बताए गए ये उपाय गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षणों या जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं।

क्या आप भी गैस्ट्रोएन्टराइटिस की समस्या से जूझ रहे है तो आज ही डॉ. सुशील कुमार जैन से परामर्श ले, डॉ. सुशील कुमार जैन को 10 साल से भी ज्यादा का अनुभव है, यदि गैस्ट्रोएन्टराइटिस की समस्या के संबंध में आपके कोई प्रश्न हैं, तो कृपया Dr. Sushil Kumar Jain (Best Gastroenterologist in Jaipur) से परामर्श करना न भूलें।

गैस्ट्रोएन्टराइटिस क्या है – What are Gastroenteritis in Hindi

“गैस्ट्रोएंटेराइटिस” दो ग्रीक शब्दों – गैस्ट्रोन और एंटरॉन के संयोजन से बना है। गैस्ट्रोन का अर्थ है पेट और एंटरॉन का अर्थ है छोटी आंत। इसका अर्थ है “पेट और छोटी आंत में सूजन।” गैस्ट्रोएंटेराइटिस को चिकित्सकीय रूप से डायरिया रोग के रूप में परिभाषित किया गया है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस के परिणामस्वरूप 24 घंटों में तीन बार से अधिक पतला और पानी जैसा मल हो सकता है। इसके लक्षणों की अवधि के आधार पर, आंत्रशोथ चार प्रकार का हो सकता है।


  • एक्यूट गैस्ट्रोएन्टराइटिस : दस्त 14 दिनों या 14 दिनों से कम समय तक बना रहता है।

  • परसिस्टेंट गैस्ट्रोएन्टराइटिस : दस्त 14 दिनों से अधिक लेकिन 30 दिनों से कम समय तक बना रहता है।

  • क्रोनिक गैस्ट्रोएंटेराइटिस: दस्त 30 दिनों से अधिक समय तक बना रहता है।

  • रीकरेंट गैस्ट्रोएन्टराइटिस : 7 दिन के भीतर समाप्त होने वाले दस्त।


यह रोग दूषित भोजन या पानी के संपर्क में आने और बैक्टीरिया, वायरल, फंगल और परजीवी के कारण हो सकता है। इसे आंतों की परत की सूजन कहा जा सकता है। स्वस्थ व्यक्ति अक्सर बिना किसी जटिलता के स्थिति से ठीक हो जाते हैं। वहीं, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को काफी नुकसान हो सकता है। इन कारणों को लेख में और विस्तार से समझाया गया है।



गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण और जोखिम कारक Causes of Gastroenteritis in Hindi

गैस्ट्रोएन्टेरिटिस के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं, जिनमें से मुख्य बैक्टीरिया और वायरस माने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से


1. वायरस –

नोरोवायरस, कैली वायरस, रोटावायरस, एस्ट्रोवायरस और एडेनोवायरस जैसे वायरस गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बन सकते हैं। इतना ही नहीं कोविड 19 से गैस्ट्रोएंटेराइटिस भी हो सकता है। भले ही इसमें सांस संबंधी समस्याओं से जुड़े लक्षण न दिखें, लेकिन पेट से जुड़ी समस्याएं भी कोविड-19 के लक्षण हो सकते हैं।


2. बैक्टीरिया –

कैम्पिलोबैक्टर नामक जीवाणु गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बन सकता है।


3. पैरासाइट –

कुछ पैरासाइट जैसे एंटामोइबा हिस्टोलिटिका, जिआर्डिया लैम्ब्लिया और क्रिप्टोस्पोरिडियम भी गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बन सकते हैं।


4. बैक्टीरियल टॉक्सिन्स –

बैक्टीरिया खुद किसी बीमारी का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन उनसे निकलने वाले टॉक्सिन्स भोजन को दूषित कर सकते हैं। स्टेफिलोकोकल बैक्टीरिया से निकलने वाले विषाक्त पदार्थ गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बन सकते हैं।


5. रसायन –

कुछ रसायन भी आंत्रशोथ का कारण बन सकते हैं।


6. दवा –

कभी-कभी कुछ एंटीबायोटिक्स अतिसंवेदनशील लोगों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बन सकते हैं।


गैस्ट्रोएन्टेरिटिस के जोखिम कारक – Risk Factors for Gastroenteritis

जैसा कि इस लेख में बताया गया है, गैस्ट्रोएंटेराइटिस भोजन, पानी और संक्रमित व्यक्ति से फैल सकता है। इसके अलावा, गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लिए जोखिम कारक पर्यावरण या मौसम हो सकता है। अधिक जनसंख्या भी इसका एक प्रमुख कारण माना जा सकता है। इसके अलावा इसके कुछ अन्य जोखिम कारक इस प्रकार हैं .

  1. बाहर का खाना खाने से भी गैस्ट्रोएंटेराइटिस का खतरा बढ़ सकता है।

  2. खसरा और इम्युनोडेफिशिएंसी से गैस्ट्रोएंटेराइटिस का खतरा बढ़ सकता है ।

  3. कुपोषण या विटामिन-ए और जिंक की कमी भी इस बीमारी के लिए एक जोखिम कारक बन सकता है।


गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण – Symptoms of Gastroenteritis in Hindi

कारणों और जोखिम कारकों के बाद अब गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षणों को जानना भी जरूरी है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या से पीड़ित मरीजों में ये लक्षण देखे जा सकते हैं

  • भूख में कमी

  • उदर विस्तार

  • जी मिचलाना

  • उल्टी करना

  • पेट में ऐंठन

  • पेट दर्द

  • दस्त की समस्या

  • अस्वस्थ या बुखार महसूस करना

  • सुस्ती और शरीर में दर्द

  • गंभीर मामलों में मल में रक्त या मवाद


इलाज Treatment of Gastroenteritis (Stomach Flu) in Hindi


गैस्ट्रोएन्टेरिटिस का उपचार निश्चित रूप से सीमित नहीं है, क्योंकि इसके लक्षणों और इसकी गंभीरता के अनुसार इसका ठीक से इलाज किया जा सकता है। ऐसे में ये उपाय क्या हो सकते हैं, इसकी जानकारी हम नीचे लेख के इस भाग में साझा कर रहे हैं .

  • गैस्ट्रोएंटेराइटिस के दौरान बहुत सारे तरल पदार्थों के सेवन का सुझाव दिया जा सकता है।

  • गैस्ट्रोएंटेराइटिस से निपटने के लिए डॉक्टर ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) भी सुझा सकते हैं। यह सभी मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाता है।

  • कई बार गंभीर स्थिति में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मरीजों को डॉक्टर ड्रिप के जरिए शरीर में पानी की आपूर्ति कर सकते हैं।

  • यदि यह संक्रमण बैक्टीरिया के कारण होता है, तो डॉक्टर पेट में संक्रमण की दवा जैसे एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दे सकते हैं।

  • अगर संक्रमण परजीवी से फैलता है तो ऐसी स्थिति में भी डॉक्टर पेट के संक्रमण की दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • जब तक डॉक्टर द्वारा निर्देशित न किया जाए, उल्टी-रोधी और डायरिया-रोधी दवाओं से बचें, क्योंकि ये दवाएं शरीर में संक्रमण को बनाए रख सकती हैं।

बचाव – Prevention Tips for Gastroenteritis (Stomach Flu) in Hindi


गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, इसलिए निम्न बातों का ध्यान रखें ।

  1. नींद और उसमें इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों को साफ रखें।

  2. फल और सब्जियां धोकर खाएं।

  3. दूषित पानी का सेवन न करें।

  4. शौचालय और बाथरूम की नियमित सफाई करें।

  5. शौच के बाद हाथ जरूर धोएं।

  6. उन देशों की यात्रा करने से बचें जहां सफाई नहीं रखी जाती है।

  7. घर के आसपास गंदगी जमा न होने दें।

  8. खाना अच्छे से पकाकर खाएं।

  9. बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए ठंडे भोजन को ठंडा (5 डिग्री सेल्सियस से नीचे) और गर्म भोजन को गर्म (60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर) रखें।

  10. खाने से पहले हाथ धोएं।


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